October 16, 2024
भविष्यवाणी ज्योतिष ज्योतिषी

ज्योतिषी की भविष्यवाणी, सही या गलत ?

आपने किसी को कुंडली दिखाई और उसने कहा कि फलाने फलाने साल में आपके ऊपर संकट आएगा, आपको कष्ट होगा, आपकी नौकरी जा सकती है, आपका एक्सीडेंट हो सकता है, आपका धन खर्च हो जाएगा आदि | और आप हो गए परेशान कि अरे यार ! आने वाला समय तो बड़ा अशुभ है | अच्छा पंडित जी के पास गए, एक टेंशन और ले आये | अब ये सोच सोच के ही परेशान हैं कि आगे क्या होगा ? कैसे कटेगी ? कोई उपाय ही बता दो पंडित जी !!! ऐसा ही होता है न ?

आज मैं आपको ऐसे सभी कष्टों का, भविष्यवाणियों का, योगों का रामबाण इलाज बताता हूँ | ऐसा उपाय बताता हूँ, जो शायद ही कोई ज्योतिषी बतायेगा | मैं बता सकता हूँ क्योंकि मेरी आजीविका ज्योतिष से नहीं चलती | ये मेरा धंधा नहीं है | ध्यान से सभी परेशानियों का रामबाण इलाज पढ़िए –

ज्योतिष क्या है ? कब खराब समय आएगा, कब सही समय आएगा – ये जानने का यंत्र ? घर में टेंशन लाने का यंत्र ? नहीं | अगर किसी ने कह दिया कि आपकी कुंडली में राजयोग है, सरकारी नौकरी लगेगी तो क्या लग ही जायेगी ? आप पढ़ना छोड़ दीजिये, सरकारी नौकरियों में आवेदन मत दीजिये, इंटरव्यू देने मत जाइए और बुलावा आ भी जाए, तो भी मत जाइए तो क्या कोई ग्रह जबरदस्ती आपकी सरकारी नौकरी लगवा सकता है ? इस बात को ध्यान रखिये, कोई बुरा ग्रह किसी को डंडा मारने नहीं आता और कोई अच्छा ग्रह, किसी को थाली में परोस कर खाना खिलाने नहीं आता (ऐसा पिताजी कहते थे) | ग्रह केवल परिस्थितियां उत्पन्न करते हैं, लेकिन कर्म आपके ही हाथ में है |

कर्म प्रधान विश्व रची राखा – कितने वर्षों से पढ़ते आ रहे हैं ? रामचरित मानस पढ़ी थी न (अगर नहीं पढ़ी है तो पढ़ना शुरू कर दीजिये) | ये संसार कर्मप्रधान है, भविष्यवाणी प्रधान नहीं है | मुख्य है, आपका कर्म | यदि आपके कर्म ठीक होंगे तो कोई ग्रह आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता | कोई भी ज्योतिषी आपको केवल परिस्थिति बता सकता, पर कर्म तो आपके ही हाथ में है | आप वैसा कर्म मत कीजिये | अगर आपको किसी ने बता दिया कि आगे सडक पर गड्ढा है अथवा रास्ता बंद है तो रास्ता बदल लीजये न | आपको पता चल गया न | फिर भी कुछ लोग होते हैं, नहीं नहीं , झूठ बोल रहा है, चलो इसी रास्ते पर चलते हैं तो फिर वही होगा, जो पंडित जी कह रहे हैं | ग्रह उसी का नाश कर सकते हैं, जो अपने कर्मो के प्रति सतर्क नहीं है |

कर्मण्ये वाधिकारस्ते – कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है और अगर कर्म पर तुम्हारा अधिकार है तो फल तो कर्म का ही होता है | बाहर बारिश हो रही है, तुम छाता लेकर निकलो या न निकलो, इस पर डिपेंड करेगा कि आप गीले होंगे या नहीं होंगे | इसमें ग्रह क्या करेगा ? ज्योतिषी क्या करेगा ? जो करेंगे, आपके कर्म ही करेंगे |

अघोरी बाबा की गीता भी आपने नहीं पढ़ी अभी तक (भाग २ ख़ास तौर से) | पढ़ी होती तो पता होता कि कर्म+परिस्थिति = भाग्य | परिस्थिति और कर्म दोनों के मिलने से ही भाग्य बनता है, आप कर्म को पलट दीजिये या परिस्थिति को पलट दीजिये तो आपका भाग्य भी पलट जायेगा | यही केमिकल equation में पढ़ाया जाता था न ? तो जब कर्म आपके हाथ में है तो परिस्थिति कुछ भी हो, भाग्य भी आपके हाथ में ही है |

न आपने रामचरित मानस पढ़ी (पढ़ी होगी पर गुनी नहीं होगी), न आपने गीता पढ़ी (पढ़ी होगी पर समझी नहीं होगी), न आपने अघोरी बाबा की गीता (ऐसी बेकार किताबें पढने से क्या लाभ, है न) पढ़ी तो फिर कुछ नहीं हो सकता | जाइए, पंडित जी १००० रूपये लेकर, किसी ग्रह की शायद चाल पलट दें और किसी ग्रह को उल्टा घुमा दें | वही एकमात्र इलाज है, अब आपके पास |

नोट – ज्योतिष, केवल उनके लिए है, जो कर्म में विश्वास रखते हैं | जो केवल भाग्य में विश्वास रखते हैं, उनके लिए ज्योतिष अशुभ ही होगा | ज्योतिष केवल उसके लिए है, जिसका अपने मन पर कण्ट्रोल है | जिसकी बुद्धि, उसके अनुसार चलती है, जिसकी इन्द्रियां उसके वश में हैं | जिसका मन उसके वश में नहीं है, जिसकी इन्द्रियां उसके वश में नहीं है, वो व्यक्ति बिना कुंडली दिखाए भी दुखी ही रहेगा और कुंडली दिखा कर भी दुखी ही रहेगा | उसे ज्योतिष (आँख) का कोई फायदा नहीं क्योंकि वो आँख वाला अंधा है | वो उसी सडक पर जाएगा, जिस पर मना किया जाएगा |

अभिनन्दन शर्मा

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