यह सन्दर्भ तब का है जब कार्तिकेय ने तारकासुर...
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स्कन्द जी ने अर्जुन को ब्रह्माण्ड के बारे में...
नारद जी ने कहा – कुरुश्रेष्ठ ! भूमि से...
पाताल के नीचे बहुत अधिक जल है और उसके...
अब मैं तुमसे काल का मान बताऊंगा, उसे सुनो...
न जायते कुलम यस्य बीजशुद्धि बिना ततः | तस्य...
नारद जी कहते हैं – अर्जुन ! इसके बाद...
राजन ! अट्ठाइसवें कलियुग में जो कुछ होने वाला...
बुद्धिश्च हायते पुंसां नाचैत्तगह समागमात | मध्यस्थेमध्यताम याति श्रेष्ठताम...
शोकस्थान शस्त्राणी हर्ष स्थानि शतानि च | दिवसे दिवसे...