शोकस्थान शस्त्राणी हर्ष स्थानि शतानि च | दिवसे दिवसे...
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अभिनन्दन शर्मा, प्रसिद्ध उपन्यास सीरिज "अघोरी बाबा की गीता" के लेखक हैं | इन्होने अपनी इंजीनीयरिंग ग्वालियर के आईटीएम कॉलेज से सन 2005 में पूर्ण की | अभी ये गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं और दिल्ली में एक जापानी MNC में कार्यरत हैं |
मस्तकस्थापिनम मृत्युम यदि पश्येदयम जनः । आहारोअपि न रोचते...
यज्जीवितं चाचिराम्शुसमानम क्षण्भंगुरम, तच्चेधर्मक्रते याति यातु दोषोअस्ती को ननु...
धर्मे रागः श्रुतो चिंता दाने व्यसनमुत्तमम । इन्द्रियार्धेषु वैराग्यं...
अत्यासन्ने चातिदूरे अत्यादशे धनवार्जिते । वृत्तिहीने च मूर्खे च...
सन्दर्भ – ये उस समय की बात है जब विश्वकर्मा...
उद्देश्य – इस संधर्भ का उद्देश्य मात्र रामायण से...
नक्षत्रानुसार प्रभाव – जातक पर नक्षत्र का बहुत प्रभाव...