November 21, 2024

ये कथा नारद जी के महिसागर संगम तीर्थ के ब्राह्मणों के विषय में हैं, जिन्हें नारद जी, सूर्य जी को बहुत ही उत्तम कुल के और श्रेष्ठ ब्राहमण बता रहे हैं | सूर्य भगवान ब्राहमण का रूप रख कर खुद ही उन ब्राह्मणों के ज्ञान की परीक्षा लेने के लिए चल पड़े |

अतिथि (भगवान् सूर्य) बोले – ब्राह्मणों ! भोजन दो प्रकार का होता है – एक प्राकृत और दूसरा परम | अतः मैं आप लोगों का दिया हुआ उत्तम परम भोजन प्राप्त करना चाहता हूँ |

अतिथि की यह बात सुन कर हारीत ने अपने आठ वर्ष के बालक से कहा – ‘बेटा कमठ ! क्या तुम ब्राहमण के बताये हुए भोजन को जानते हो ?’

कमठ ने कहा – पिताजी ! मैं आपको प्रणाम करके वैसे परम भोजन का परिचय दूंगा तथा ब्राहमण देवता को यह भोजन देकर तृप्त करूँगा | प्रकृति आदि चौबीस तत्वों के समुदाय को जो तृप्त करता है, वही प्राकृत भोजन कहलाता है | वह छः रसों (मधुर, अम्ल, लवण, कटु, कषाय तथा तिक्त) और पांच भेदों (भक्ष्य, भोज्य, पेय, लेह्य  तथा चोष्य ) वाला बतलाया गया है | उसके भोजन करने से शरीररुपी क्षेत्र की तृप्ति होती है | दूसरा जो परम भोजन कहा गया है, उसकी व्याख्या इस प्रकार है – ‘ परम कहते हैं आत्मा को, उसका जो भोजन है, वही परम भोजन है | अतः नाना प्रकार के धर्म का जो श्रवण है, उसे अन्न कहा गया है | क्षेत्रज्ञ उस अन्न का भोक्ता है और दोनों कान उस अन्न को ग्रहण करने के लिए मुख हैं |

‘पिता जी ! वही परम भोजन आज मैं इन ब्राह्मण देवता को दूंगा | विप्रवर ! आपकी जो इच्छा हो पूछिए, विद्वान ब्राह्मणों की इस सभा में अपनी शक्ति के अनुसार मैं आपको संतुष्ट करूँगा |’

कमठ की यह महत्वपूर्ण बात सुन कर अतिथि ब्राहमण ने  मन ही मन उसकी सराहना की और यह प्रश्न उपस्थित किया – ‘जीव कैसे उत्पन्न होता है ?’ (इसके लिए अगले लेख की प्रतीक्षा करें |)

छः रस –

मधुर – मीठागेहूं, चावल, जौ, मक्का, ज्वार, मूंग, मसूर, शहद, चीनी, अधिकांश फल, दूध, मक्खन, घी आदि।
अम्ल – खट्टा – नींबू वंश के फल, खट्टे स्वाद वाले फल जैसे- बेर, आलू बुखारा, जामुन, आड़ू, कीवी आदि तथा टमाटर।

लवण – नमकीन – विभिन्न प्रकार के लवण।

कटु – तीखा – अदरक, लहसुन, काली मिर्च तथा अन्य मसाले।

कषाय या क्षार – कसैले –  पालक, खजूर, अपक या कच्चे फल, अंजीर आदि।

तिक्त – कडवा – करेला, मेंथी आदि।

पांच भेद –

भक्ष्य – खाने योग्य

भोज्य – भोजन ( छहों रसों से युक्त )

पेय – पीने लायक तरल

लेह्य – चाटने योग्य जैसे चटनी या अचार

चोष्य – चूसने योग्य जैसे आम

 

 

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