July 27, 2024
शास्त्र लोकन्याय के प्रकार

लोग समझते हैं कि शास्त्रों में केवल कथा-कहानियाँ ही हैं पर ऐसा नहीं है | ऐसा मात्र वो कहते हैं, जिन्होंने शास्त्रों का अध्ययन नहीं किया है | जब आप सनातन दर्शन, वेदों के छहों अंगों की बात करते हैं तो उसमें न्याय दर्शन भी एक महत्वपूर्ण विषय है लेकिन अमूमन हम सनातन धर्म में, मोटे मोटे विषयों की ही बात करते हैं और ऐसे गंभीर विषयों से बचते हैं या हमें ऐसे विषयों पर बात करने वाला कोई मिलता ही नहीं है | पर हमें प्रयास करना चाहिए कि अपने शास्त्रों को जानें | जहाँ उनकी चर्चा चले, उसमें भाग लें ताकि शास्त्रों की वो बातें भी ज्ञात हों, जिन पर अमूमन कोई बात नहीं करता है | ये न्याय और इनके उदाहरण, आपको आसानी से इन्टरनेट पर नहीं मिलेंगे क्योंकि ऐसे विषयों पर अमूमन कोई बाबा आदि बात नहीं करते हैं

न्याय शास्त्र में विभिन्न लोक न्याय के प्रकार होते हैं | ये ठीक वैसे है, जैसे कोई कहावत, लोकोक्ति या किसी कोर्ट की रूलिंग होती है | एक बार एक बात निश्चित हो गयी तो आगे से, जब भी वैसा सन्दर्भ आता है, उस न्याय का उदहारण दिया जा सकता है | ऐसे ही, विभिन्न प्रकार के न्याय की आज चर्चा करेंगे |

इस वीडियो को सुने और यदि अच्छा लगे तो शेयर करें | व्हात्सप्प पर, youtube पर, फेसबुक पर, सभी जगह | लोग तात्विक बातें और शास्त्रों की गूढ़ बातों को समझने की बजाए, केवल कथाएँ पढ़ कर मन बहला लेते हैं पर शास्त्रों में कथा कहानियों के अलावा भी बहुत कुछ है | नहीं क्या ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page