यह सन्दर्भ तब का है जब कार्तिकेय ने तारकासुर...
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किस श्रेष्ठ ब्राह्मण को आठ प्रकार के ब्राह्मणत्त्व का...
मातृकाम को विजानाति कतिधा किद्रशक्षराम । पञ्चपंचाद्भुतम गेहं को...
धर्मे रागः श्रुतो चिंता दाने व्यसनमुत्तमम । इन्द्रियार्धेषु वैराग्यं...