दान को समझें और जाने कि दान क्या होता...
दान
बुद्धिश्च हायते पुंसां नाचैत्तगह समागमात | मध्यस्थेमध्यताम याति श्रेष्ठताम...
नारद जी कहते हैं – अर्जुन ! इसके बाद...
यह सन्दर्भ तब का है जब कार्तिकेय ने तारकासुर...
किस श्रेष्ठ ब्राह्मण को आठ प्रकार के ब्राह्मणत्त्व का...
मातृकाम को विजानाति कतिधा किद्रशक्षराम । पञ्चपंचाद्भुतम गेहं को...
द्विहेतु षड्धिष्ठानाम षडंगम च द्विपाक्युक् । चतुष्प्रकारं त्रिविधिम त्रिनाशम...
धर्मे रागः श्रुतो चिंता दाने व्यसनमुत्तमम । इन्द्रियार्धेषु वैराग्यं...