भगवान् सूर्य बोले – वत्स कमठ ! तुम्हारी बुद्धि...
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“अहिंसा परमो धर्मः”1 अंतर्ध्यान – अंहिंसा क्या है ?...
जन्म कुंडली बनाने के साधन – जन्म कुंडली निम्नलिखित...
कमठ की यह महत्वपूर्ण बात सुनकर अतिथि ब्राह्मण ने...
अध्याय ३ अब हम थोडा और आगे बढ़ेंगे |...
शोकस्थान शस्त्राणी हर्ष स्थानि शतानि च | दिवसे दिवसे...
राजन ! अट्ठाइसवें कलियुग में जो कुछ होने वाला...
कलेर्दोषेनिवेश्चैव शृणु चैकं महागुणं | यदल्पेन तु कालेन सिद्धि...
अब मैं तुमसे काल का मान बताऊंगा, उसे सुनो...