धर्मदानकृतं सौख्यमधर्माद दुखःसंभवम् | तस्माधर्मं सुखार्थाय कुर्यात पापं विवर्जयेत...
Month: September 2014
अध्याय – ५ हमने अध्याय 1 के अंत में...
“नृत्यावसाने नटराज राजः ननाद ढक्वाम नवपंच वारम। उद्धर्तु कामाद...