जो लोग नास्तिक होते हैं, जो लोग ईश्वर को नहीं मानते हैं, जो लोग शास्त्रों को नहीं ,मानते हैं उसका क्या कारण है ? क्या वाकई उनकी जानकारी बहुत होती है, या उनके तर्क, उनके विचार धर्म/ईश्वर/ज्योतिष/वेद/कर्म-फल सिद्धांत के बारे में खोखले होते हैं ? सोशल मिडिया पर, जो लोग ईश्वर के बारे में विभिन्न नकारात्मक बातें करते हैं, उसका क्या कारण है ? उनके लक्षण क्या हैं ? क्या शास्त्रों की जानकारी ऐसे लोगों की मदद कर सकती हैं ? ये सब समझने की बात है |
आज ऐसे ही एक सुभाषित की बात की जायेगी, जिसमें ऐसे लोगों के बारे में कोई बहुत धारदार बात कही गयी है | आपको भी अवश्य पसंद आएगी | यदि आपको ये वीडियो पसंद आये तो कृपया इसे विभिन्न व्हाट्सप्प ग्रुप्स पर, फेसबुक आदि पर अवश्य शेयर करें |