सनातन धर्म अकेला, ऐसा धर्म है, जहाँ तर्कशास्त्र की रचना हुई | एकमात्र धर्म, तर्क-वितर्क से समझाता है कि आत्मा है या नहीं, ईश्वर है या नहीं, पुनर्जन्म होता है या नहीं आदि | पर आजकल लोग इसे शास्त्र को पढ़ते ही नहीं | तर्कशास्त्र ही वो शास्त्र था, जिसको 500 साल तक, बौद्धों से लड़ने के लिये मांजा गया | पंडितों ने अपनी पीढ़ियां खपा दीं कि कैसे बौद्धों को वेदविरुद्ध बातों के लिये तर्क से हराया जाये | क्या तब तलवारें नहीं होती थी, पर सैकड़ों साल, पंडितों ने शास्त्रार्थ किये और शंकराचार्य ने उसी तर्कशास्त्र के आधार पर, बौद्धों को देश से बाहर कर दिया और वो चीन, तिब्बत, लंका, जापान आदि देशों में चले गए | कोई कत्लेआम नहीं हुआ, कोई बौद्धों का मजाक नहीं उड़ाया गया, किसी को धमकाया नहीं गया और केवल तर्क से ही,बौद्धों को वापिस सनातन धर्म में शामिल कराया गया | इतनी ताकत है, तर्कशास्त्र में,जिसे आजकल कोई पढ़ने को राजी नहीं है |
आप को लगता है कि कोई दूसरे धर्म का है तो उसे सनातन धर्म के ज्ञान, उसके तर्क से कन्विंस कीजिये | आप थप्पड़ मार कर, डरा तो सकते हैं, लेकिन कन्वर्ट नहीं कर सकते हैं | आप उन्हें वापिस अपने धर्म में ला सकते हैं, बौद्धों की तरह, पर उसके लिए आपको तर्क में प्रवीण होना पड़ेगा | तर्कशास्त्र पढ़ना पड़ेगा | पर तर्कशास्त्र कोई बाबा नहीं पढ़ाता स्टेज से क्योंकि खुद ही इन बाबाओं ने नहीं पढ़े हैं | पर अप्प दीपो भवः की तर्ज पर,स्वयं पढ़िए, बेसिक्स इस वीडियो में जो, कमेंट में है | पर लोगों को धर्म की रक्षा करने का बुखार चढ़ा है और हंसी की बात ये है कि वो धर्म की रक्षा, बिना शास्त्रों के अध्ययन के ही कर लेना चाहते हैं | उनके हिसाब से धर्म कोई ऐसी वस्तु है, जिसकी पहरेदारी करके, तलवारों से, दूसरों को डरा धमका के, रक्षा की जा सकती है | ये मूर्ख नहीं जानते, कि धर्म की रक्षा मात्र 2 चीजों से हो सकती है, एक तर्कशास्त्र और दूसरा प्रेम से |
सनातन धर्म हमें प्रेम करना सिखाता है (नफरत करना नहीं), जिसकी वजह से सैयद इब्राहिम, रसखान बनकर कृष्ण जी के गीत गाता है | खुसरो कृष्णभक्त हो जाता है | सालबेग की मजार पर जगन्नाथ मंदिर आज भी रुकता है, कौन थे सालबेग ? पता कीजिये | सिर्फ प्रेम से ही आज भी इस्कॉन मंदिर में अनेकों विदेशी कृष्ण भक्ति में झूमते मिल जाएंगे | क्या वो पहले क्रिश्चन थे, इसलिए उनको भक्ति करने से रोक देना चाहिए ? लोग सनातन धर्म के दीवाने होने को तैयार बैठे हैं, पर आप में ही सनातन धर्म की समझ नहीं है और रक्षा करने की धुन सवार है और 5 वक्त की हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं | आप क्या कर रहे हैं, आपको ही नहीं पता, आप अपने सनातन धर्म का मजाक बना रहे हैं , उसे कमजोर कर रहे हैं | आइये, थोड़ा तर्कशास्त्र के बेसिक्स के बारे में जाने और उन शास्त्रों की भी चर्चा करें,जिनकी चर्चा कोई बाबा नहीं करता | जाने कि प्रमा और प्रमाण क्या होता हैं ? तर्कशास्त्र की आवश्यकता पर बात करें |
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