बचपन में दसवीं कक्षा में, गणित में हम लोग प्रमेय सिद्ध करते थे, पर तब कभी ध्यान नहीं दिया कि ये प्रमेय शब्द का क्या अर्थ होता है ? वास्तव में हम गणित कर रहे होते थे, पर तर्कशास्त्र के अनुसार ! प्रमेय माने होता है, वो वाक्य, वो विषय, जिसे तर्क से सिद्ध करना होता है | और फिर हम, उस प्रमेय को सिद्ध करते थे | कमाल है, हम बचपन में तर्कशास्त्र को छू कर निकल गए, और कभी ध्यान नहीं गया |
बड़े हुए, तो बात बात पर, प्रमाण मांगने लगे ! पर कभी नहीं सोचा कि प्रमाण क्या होता है ? प्रमा क्या होती है ? प्रमाता कौन होता है ? प्रमा के कितने भेद होते हैं !!! पर बात हम प्रमाण की करते हैं, जब भी बात करते हैं या बहस करते हैं ! दरअसल, हम बिना शास्त्रों के अध्ययन के, उनको फॉलो करने का भ्रम पाले हुए हैं |
तर्कशास्त्र, सभी के जीवन का एक मूलभूत अंग है पर हम पढ़ते नहीं है, जानते नहीं है | जानना चाहिए ! आज के इस छोटे से वीडियो में, हम तर्कशास्त्र के ही कुछ मूलभूत अवयवों की परिभाषा जानेगे, जैसे कि प्रमा, प्रमेय, प्रमाता, प्रमाण आदि क्या होते हैं |
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