प्रकृति तीन गुणों वाली होती है तो प्रकृति से बना सब कुछ भी तीन प्रकार का होगा | बहुधा, लोग अभिमान, घमंड और अहंकार – तीनो का एक ही अर्थ कर देते हैं लेकिन तीनों एक नहीं होते हैं | कोई भी दो शब्दों का अर्थ एक हो ही नहीं सकता है, जैसे चन्द्रमा को कहते हैं, निशाचर – रात्रि में चलने वाला लेकिन निशाचर तो रात्रि के जानवर यथा सांप को भी कहा जाता है | चन्द्रमा को कहा जाता है, शशांक तो शशांक का अर्थ होता है, जिस पर खरगोश का चिन्ह है, वो और क्योंकि खरगोश का चिन्ह चन्द्रमा पर है अर्थात चन्द्रमा | ऐसे ही, अहंकार, अभिमान और घमंड के अर्थ में भी अंतर् होता है !
क्या है वो अंतर ? आज जानते हैं, इस वीडियो से | यदि आपको ये वीडियो अच्छा लगे, तो इसे अपने परिवार, मित्रों और सोसाइटी में अवश्य शेयर करें |
If nature is of three gunas, then everything made of nature will also be of three types. Often, people confuse pride, arrogance and arrogance – all three are not the same. No two words can have the same meaning, as the moon is called, nocturnal – night walker, but nocturnal animals such as snakes are also called. The moon is called, Shashank means Shashank, which has the symbol of the rabbit, and that because the symbol of the rabbit is on the moon, that is, the moon. Similarly, there is a difference in the meaning of arrogance, pride and vanity. What is that difference?
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