स्कंध पुराण
सन्दर्भ – ये उस समय की बात है जब विश्वकर्मा...
धर्मो हि मह्ताभेष शरणागतपालनम । शरणागतम च विप्रं च...
अहम् ब्रह्मास्मि
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