1 min read Skand Puran Uncategorized कर्म जन्म मृत्यु पापकर्मों के फल admin September 28, 2014 धर्मदानकृतं सौख्यमधर्माद दुखःसंभवम् | तस्माधर्मं सुखार्थाय कुर्यात पापं विवर्जयेत...Read More