ईश्वर का प्रतिपादन, नन्दभद्र की कथा बुद्धिश्च हायते पुंसां...
नन्दभद्र
बुद्धिश्च हायते पुंसां नाचैत्तगह समागमात | मध्यस्थेमध्यताम याति श्रेष्ठताम...
अहम् ब्रह्मास्मि
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