खंडन 16 – मनगढ़ंत मन्त्र और अर्थ का खंडन
आज ये फोटो हमारे पास खंडन के लिए आया, बड़ा आश्चर्य हुआ कि लोग किस हद तक जा सकते हैं, झूठ फैलाने के लिये | वेदों के मन्त्रों का नाम लिख कर, ऐसा कुछ लिख दिया गया है, इस वायरल पोस्ट में, जो वास्तव में वेदों में कहीं है ही नहीं | ऐसा कोई मन्त्र ही नहीं है | आप स्वयं ही देखें की इस वायरल पोस्ट में, क्या शेयर किया जा रहा है, फिर इसके खंडन की बात करेंगे |
अपने ही मन से, कुछ भी अंड बंड लिख कर, उसके आगे, अर्थ के नाम पर कुछ भी बकवास लिख कर लोग, सोशल मिडिया पर फैला रहे हैं !!! किस उद्देश्य से ? धर्म और ब्राहमणों के प्रति दुर्भावना फैलाने के लिए ? अरे ! इतनी नफरत ? कुछ तार्किक, कुछ तथ्यपरक लाते तो सोचते भी, पर ये तो निहायत ही, पागलपन है कि अपने आप ही, कुछ भी लिख कर, उसे ब्राहमणों और धर्मविरोध के लिए प्रयुक्त किया जाए | जैसा इस पोस्ट में दिखाया गया है, वास्ऐव में तो ऐसा कोई मन्त्र होता ही नहीं है | जो वैदिक मन्त्र है, जिसके ऊपर ये बकवास मन्त्र के नामं पर लिखी गयी है, वो इससे पूर्णतया भिन्न है और जो अर्थ इन महाशय ने किया है, वो तो नितांत, हद दर्जे का झूठ ही है | उसमें सच्चाई का लेश मात्र भी नहीं है |
असली मन्त्र, जो कि शुक्ल यजुर्वेद से है –
गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ।। (शु॰यजु॰ २३।१९)
इस मन्त्र का अर्थ है –
हे परमदेव गणेशजी ! समस्त गणों के अधिपति एवं प्रिय पदार्थों प्राणियों के पालक और समस्त सुखनिधियों के निधिपति ! आपका हम आवाहन करते हैं । आप सृष्टि को उत्पन्न करने वाले हैं, हिरण्यगर्भ को धारण करने वाले अर्थात् संसार को अपने-आप में धारण करने वाली प्रकृति के भी स्वामी हैं, आपको हम प्राप्त हों ।।
अब आप ही बताइए कि इसमें कहाँ ब्राहमण है, कहाँ स्त्री को ग्रहण करने वाला, जैसा कुछ लिखा हुआ है, कहाँ गर्भधान आदि के बार में लिखा है | जिसे संस्कृत का स भी नहीं आता, वो ही ऐसी कुत्सित रचना लिख सकता है | हमारे वेदों पर ऐसा निकृष्ट आक्षेप लगाने वाले कुछ पेजों के लिंक हमने अपने फेसबुक पेज में दिये थे, जिसको पढ़कर, हमारे सदस्यों ने समुचित कदम उठा कर, उन लिंक पर जाकर कमेन्ट करके, उन्हें बंद करवाया |
फिर भी यदि आपके पास ऐसा कोई मैसेज आता है अथवा आपको ऑनलाइन दीखता है तो आप भी ये पोस्ट उन्हें फेंक कर मारिएगा और कहियेगा की वो झूठ का प्रचार, धर्म के नाम पर न करें | आप सभी लोग, ऐसे पेजों के आगे, ये पोस्ट लगायें और उनको जरा सम्मान भी देकर आयें | ऐसे दुष्ट और विकृत मानसिकता वाले लोगों का, जो जबरन, हमारे वेदों का, ब्राहमण, धर्म का विरोध अपनी मनगढ़ंत बकवास के आधार पर करे हैं, उनका कुछ सम्मान तो होना ही चाहिए न |
पुनः कहता हूँ, वेदों के बारे में, शास्त्रों के बारे में, फेसबुक और व्हात्सप्प से मत पढ़िए | बिना सन्दर्भ की चीजों को, अपनी आखों से देखे बिना, मत मानिए और अपने शास्त्रों का अध्ययन प्रारम्भ कीजिये | अन्यथा अगली पीढ़ी तक कुछ भी नहीं बचेगा और ऐसे दुष्ट, हमारे शास्त्रों के नाम पर झूठ फैलाकर, अनेकों लोगों को अन्यान्य धर्म में परिवर्तित कर लेंगे |इन्टरनेट पर ऐसे झूठे पोस्ट की एक लम्बी कतार है, जिसे हमारे खंडन समय समय पर प्रतिकार करते रहेंगे |
इस पोस्ट को शेयर करें, ताकि, जिन जिन मूर्खो ने इस फोटो वाली पोस्ट को लिखा है अथवा इसका समर्थन किया है, उन तक भी ये पहुच जाए |
पं अशोकशर्मात्मज अभिनन्दन शर्मा