
झूठे और गलत वैदिक मन्त्र वाली पोस्ट का खंडन
आज ये फोटो हमारे पास खंडन के लिए आया, बड़ा आश्चर्य हुआ कि लोग किस हद तक जा सकते हैं, झूठ फैलाने के लिये |
अपने ही मन से, कुछ भी अंड बंड लिख कर, उसके आगे, अर्थ के नाम पर कुछ भी बकवास लिख कर लोग, सोशल मिडिया पर फैला रहे हैं !!! किस उद्देश्य से ? धर्म और ब्राहमणों के प्रति दुर्भावना फैलाने के लिए ? अरे ! इतनी नफरत ? कुछ तार्किक, कुछ तथ्यपरक लाते तो सोचते भी, पर ये तो निहायत ही, पागलपन है कि अपने आप ही, कुछ भी लिख कर, उसे ब्राहमणों और धर्मविरोध के लिए प्रयुक्त किया जाए | जैसा इस पोस्ट में दिखाया गया है, वास्ऐव में तो ऐसा कोई मन्त्र होता ही नहीं है | जो वैदिक मन्त्र है, जिसके ऊपर ये बकवास मन्त्र के नामं पर लिखी गयी है, वो इससे पूर्णतया भिन्न है और जो अर्थ इन महाशय ने किया है, वो तो नितांत, हद दर्जे का झूठ ही है | उसमें सच्चाई का लेश मात्र भी नहीं है |
असली मन्त्र है –
गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ।। (शु॰यजु॰ २३।१९)
इस मन्त्र का अर्थ है –
हे परमदेव गणेशजी ! समस्त गणों के अधिपति एवं प्रिय पदार्थों प्राणियों के पालक और समस्त सुखनिधियों के निधिपति ! आपका हम आवाहन करते हैं । आप सृष्टि को उत्पन्न करने वाले हैं, हिरण्यगर्भ को धारण करने वाले अर्थात् संसार को अपने-आप में धारण करने वाली प्रकृति के भी स्वामी हैं, आपको हम प्राप्त हों ।।
अब इसमें कहाँ ब्राहमण, कहाँ स्त्री को ग्रहण करने वाला, कहाँ गर्भधान आदि लिखा है | जिसे संस्कृत का स भी नहीं आता, वो ही ऐसी कुत्सित रचना लिख सकता है | हमारे वेदों पर ऐसा निकृष्ट आक्षेप लगाने वाले कुछ पेजों के लिंक, इस पोस्ट के साथ दे रहा हूँ | आप सभी लोग, ऐसे पेजों के आगे, ये पोस्ट लगायें और उनको जरा सम्मान भी देकर आयें | ऐसे दुष्ट और विकृत मानसिकता वाले लोगों का, जो जबरन, हमारे वेदों का, ब्राहमण, धर्म का विरोध अपनी मनगढ़ंत बकवास के आधार पर करे हैं, उनका कुछ सम्मान तो होना ही चाहिए न |
पुनः कहता हूँ, वेदों के बारे में, शास्त्रों के बारे में, फेसबुक और व्हात्सप्प से मत पढ़िए | बिना सन्दर्भ की चीजों को, अपनी आखों से देखे बिना, मत मानिए और अपने शास्त्रों का अध्ययन प्रारम्भ कीजिये | अन्यथा अगली पीढ़ी तक कुछ भी नहीं बचेगा और ऐसे दुष्ट, हमारे शास्त्रों के नाम पर झूठ फैलाकर, अनेकों लोगों को अन्यान्य धर्म में परिवर्तित कर लेंगे |
इस पोस्ट को शेयर करें, ताकि, जिन जिन मूर्खो ने इस फोटो वाली पोस्ट को लिखा है अथवा इसका समर्थन किया है, उन तक भी ये पहुच जाए |
पं अशोकशर्मात्मज अभिनन्दन शर्मा
शर्मा जी आपके पूर्वजों ने जो हमारे देश के लिए शास्त्र लिखकर उपकार किये हैं हम उन्हें कभी भी नहीं भुला सकते
हमने शास्त्रों से जाना है कि किस प्रकार नीच जाति (आपके अनुसार) के लोगो की जिंदगी जानवरों से भी बदतर बनाना है
किस प्रकार हम रामायण और महाभारत को अपने भारत का इतिहास मान सकते हैं जबकि किसी भी विज्ञानिक को इनके पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिले हैं
किस प्रकार हमारे शास्त्रों से अंग्रेज हवाई जहाज, बिजली, बल्ब, कार न जाने कौन कौन सा विज्ञान चुरा कर ले गए. (अंग्रेजों ने विज्ञान का इस्तेमाल करके पूरी दुनिया को गुलाम बनाये रखा और हम अपने तथाकथित शास्त्र विज्ञान का इस्तेमाल करके अपने देश को विदेशी आक्रमणकारी और अंग्रेजों से भी नहीं बचा पाए)
कहने को तो आपके पूर्वजों द्वारा दी गयी बहुत सारी उपलब्धियां हैं लेकिन सबको बताएँगे तो यह कमेंट बॉक्स छोटा पड़ जायेगा
इसलिए धन्यवाद
और विज्ञान से नहीं बल्कि पूजा पाठ करने से ही हमारा देश सुपर पावर बनेगा
Please be happy in your fool’s paradise my dear. Aapne padha to dhela bhi nahi hai, par gyan sari duniya ka baghar rahe hain, jaise ki vigyan keval aapne padha hai aur engineer hote hue bhi main, aapke us vigyaan se najaankaar hi rah gaya hoon. Phir bhi, apake aise comment par sirf hans hi sakta hoon. By the way, just for your information, i am working for Japanese multinational, Company of Mr. Genjo Shimadzu. You may now be aware about this scientist so better not to teach me about science or Shastra because i know both of them, far better then you.
श्री कृष्ण गीता तो सुनी पड़ी थी यह अघोरी गीता कहां से आई क्या यहभी किसी टूल किट का हिस्सा है कि सनातन धर्म को दबाना है।फेक्टर चेक विदेशों से चलता है भारत में जब टूल किट बनता है तभी स्चाई सामने आती है ऐसा तीसरा पक्ष क्या अमेरिका के लिए काम करता है? क्यों कि फेक्टर चेक में भारत में सीखो के कड़ा पगड़ी को छुआ तक नहीं।
First read, then you’ll understand, what is this Aghori Baba ki Gita. Just google it, and ready any of it’s part. you’ll be amazed by the content
Mr. Nikhil Rajput, By your Name I understand you just have id merely with Rajput but otherwise most probably Muslims use this trick for communications in India. However I respect the same way whether you were converted or you are still Rajput because I think Mughals didnt converted me as Suryavanshi’s and Yaduvanshi’ s were there to face Mughals Sword first with their heads otherwise we would be there in your place hence I respect all you by the way I respect Ram and Krishna but It is very unfair if you peoples spreads such vulgaries about our Spirituality which you peoples could not honoured. I understand your situation but as well as I respect GOD (Spirituality) consider the biggest weekness and sin to disrespect your belief changing name of your GOD because I know you too know GOD, Bhagwan or Allah is same and Religions are made by human beings.
GOD IS BEYOND UNIFORMED RELIGIONS HENCE DESERVED RESPECT BY WHATEVER NAME SOMEONE BELIEVED. It is Ramayana, Geeta, Bible or Kuran why Today we are Scientists at NASA and ISRO. Spirituality is there because of Physicality and Physicality is there because of Spirituality by the way We believe in Brahma -Shiva and west in Energy – Vaccume. There is nothing beyond this only two sometimes third comes by default otherwise ONLY TWO – Spirituality_ Physicality, Day _Night, Good _Bad, Dev_ Danav, Male _ Female, Gyan _ Tatva, Light _ Darkness, VISHNU – SHIVA ………………..
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हमारे शास्त्रों पर आक्षेप वाले लेखों, चुटकुलों की भरमार है। लेकिन हमें इससे तनिक भी विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। कालचक्र में फंसकर हमने सैकड़ों वर्षों की गुलामी झेली है, इससे इनकार नहीं है। आज भी हजारों विद्वानों की टोली को दो चार अपहरणकर्ता बंदूक के दम पर गुलाम बना लेते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे विद्वान मुर्ख हैं। हमने अहिंसा, सत्य और अपने अतिथि सत्कार की कीमत चुकायी है। कुछ कमियाँ थीं, जिसे संविधान में सुधारने का प्रयास किया गया है। हम फिर मजबूत होकर उभरेंगे।