2. कौन द्विज पचीस वस्तुओं के बने हुए गृह...
Skand Puran
मन में अपने बारह प्रश्नों को लेकर ब्राह्मण की...
मातृकाम को विजानाति कतिधा किद्रशक्षराम । पञ्चपंचाद्भुतम गेहं को...
द्विहेतु षड्धिष्ठानाम षडंगम च द्विपाक्युक् । चतुष्प्रकारं त्रिविधिम त्रिनाशम...
मस्तकस्थापिनम मृत्युम यदि पश्येदयम जनः । आहारोअपि न रोचते...
यज्जीवितं चाचिराम्शुसमानम क्षण्भंगुरम, तच्चेधर्मक्रते याति यातु दोषोअस्ती को ननु...
धर्मे रागः श्रुतो चिंता दाने व्यसनमुत्तमम । इन्द्रियार्धेषु वैराग्यं...
सन्दर्भ – ये उस समय की बात है जब विश्वकर्मा...
उद्देश्य – इस संधर्भ का उद्देश्य मात्र रामायण से...
धर्मो हि मह्ताभेष शरणागतपालनम । शरणागतम च विप्रं च...