धर्मदानकृतं सौख्यमधर्माद दुखःसंभवम् | तस्माधर्मं सुखार्थाय कुर्यात पापं विवर्जयेत...
स्कन्द पुराण
भगवान् सूर्य बोले – वत्स कमठ ! तुम्हारी बुद्धि...
महतां दर्शनं ब्रह्मज्जायते न हि निष्फलं | द्वेषादज्ञानतो वापि...
कमठ की यह महत्वपूर्ण बात सुनकर अतिथि ब्राह्मण ने...
ये कथा नारद जी के महिसागर संगम तीर्थ के...
बुद्धिश्च हायते पुंसां नाचैत्तगह समागमात | मध्यस्थेमध्यताम याति श्रेष्ठताम...
न जायते कुलम यस्य बीजशुद्धि बिना ततः | तस्य...
अब मैं तुमसे काल का मान बताऊंगा, उसे सुनो...
पाताल के नीचे बहुत अधिक जल है और उसके...
नारद जी ने कहा – कुरुश्रेष्ठ ! भूमि से...