November 21, 2024

मंडन 5 – शिव जी के नशेड़ी न होने वाली पोस्ट का मंडन

शिव भांग

क्या शिवजी सच में चरस, गांजा, भांग आदि के नशे में पड़े रहते थे ?

सोशल मिडिया पर ये एक आम मान्यता है कि शिवजी नशेड़ी हैं, चरस, गांजा, भांग आदि समुचित मात्रा में लिया करते हैं और इसी मनगढ़ंत बात को आधार बना कर, शिव जी के कुछ ऐसे फोटो भी कुछ वर्षों में सोशल मिडिया पर घूम रहे हैं, जिनमें शिवजी को नशे में धुत्त या नशा करते हुए दिखाया गया है | ऐसी ही एक पोस्ट हमारे पास आयी जो कहती है कि शिवजी चरस, गांजा आदि नहीं लेते थे अपितु भांग का यानि विजया नामक पौधे का सेवन करते थे और उन्हें शिव पुराण में कहीं भी ऐसा कोई सन्दर्भ नहीं मिला, जहाँ शिवजी को नशे में धुत्त, चरस, गांजा आदि रहने वाला बताया गया हो | अतः आज हम इसी पोस्ट का विश्लेष्ण करेंगे कि इस पोस्ट में कितनी सत्यता है |
ये बात सही है कि शिवजी के चरस आदि नशे की चीजें पीने का कही कोई सन्दर्भ प्राप्त नहीं है, खासतौर पर शिव पुराण में | हाँ, फिर भी एक मान्यता प्रचलित है कि शिवजी भांग पीते हैं | इस भांग को ही नशाकारक होने की वजह से, धीरे धीरे लोगों ने, उसमें चरस आदि चीजें भी जोड़ दी कि अच्छा भांग का नशा करते होंगे तो अन्य नशा भी करते ही होंगे और इस प्रकार एक नशेड़ी की इमेज, शिव जी को प्राप्त करा दी गयी | बिना ये जाने कि भांग क्या है ?


एक दवा है, नाम है आनंदामाइड | राफेल मैकुलम, नाम के एक इजराइली वैज्ञानिक ने इसको खोजा था | इजराइल की जो भाषा है, वो है हिब्रू | लेकिन उन्होंने दवा का नाम रखा – आनंदामाइड | आनंद नाम का कोई शब्द हिब्रू भाषा में नहीं है, आनंद संस्कृत भाषा का शब्द है तो फिर एक इजराइली वैज्ञानिक ने, अपनी दवा का नाम संस्कृत के शब्द पर क्यों रखा होगा ? सोचिये आप ! वैज्ञानिक के हिसाब से हिब्रू में ऐसा कोई शब्द नहीं है जो आनंद से मिलता हो | आनंद सुख से ऊपर की स्टेज है | वहां पहुचने के बाद न सुख होता है और न ही दुःख | आप इन दोनों अनुभूतियों से ऊपर उठ जाते हैं | उस वैज्ञानिक के अनुसार, उसे ऐसा कोई शब्द हिब्रू में नहीं मिला अतः उसने इस दवा का नाम “आनंदामाइड” रखा | उनके अनुसार, उनके पिताजी के अभी भी बहुत से नोट्स हैं, जिनमें उन्होंने बहुत से वैज्ञानिक प्रयोग लिखे हैं, जिन्हें समझना बाकी है | आपको क्या लगता है, वो नोट्स किस भाषा में लिखे होंगे 😊 इस पहेली को यहीं छोड़ते हैं |


मैं इस दवा की बात क्यों कर रहा हूँ ? क्योंकि ये दवा बनी है भांग के पौधे से (इसे अंग्रेजी में मेंराजुआना कहते हैं और विभिन्न देशो में २०वी सदी तक ये प्रतिबंधित थी, जिसकी वजह से इस पर कोई ख़ास खोज नहीं हो सकी, बाद में इसके मेडिकल रिसर्च आदि के लिए खोला गया, जब बहुत से वैज्ञानिकों ने शोध में इसकी उपयोगिता बताई और अभी 2013 में उरग्वे ने इसे लीगल किया है (3*) | एकमात्र भांग के पौधे में ही ये ख़ास बात होती है कि वो सेल्स को क्रिएट कर सकती है, ये ख़ास बात, आज तक किसी और औषधि में या दवाई में नहीं पायी गयी है (ग्रोथ ऑफ़ न्यूरॉन)-(1*, 2*) | मतलब सेल्स तो मरते ही हैं लेकिन भांग दिमाग में कुछ सेल्स पैदा भी कर देती है | भांग में दो मुख्य तत्व होते हैं एक THC और दूसरा CBD. मानव मस्तिष्क में जहाँ सेलेब्रम होता है, वहां इसके रिसेप्टर होते हैं और ये रिसेप्टर मानव में ही सबसे अधिक होते हैं, अन्य किसी जानवर की तुलना में | भांग भूख बढाती है | (4*) भांग का ये पौधा, दौरों को कम करने में भी मदद करता है क्योकि ये दिमाग में खून की मात्रा बढ़ा देता है | बहुत से रिसर्च पेपर्स हैं, जो इसके अन्य लाभ भी दिखाते हैं, जैसे कि कुछ खास परिस्थितियों में ये ब्रैस्ट कैंसर को भी कम करता है (5*) , उल्टी आने को भी कम करता है |


कुल मिलाकर, कहने का तात्पर्य ये है कि आप भांग का प्रयोग कैसे कर रहे हैं, इस पर निर्भर करता है कि आपको उससे क्या फायदा होगा | भांग सोचते ही ये सोचना कि उसे चिलम की तरह ही कोई पीता होगा अथवा किसी नशेड़ी की तरह उसे लेकर लेटा रहता होगा, ये सब कपोल कल्पना मात्र हैं | वास्तव में शिवजी और भांग का एक ही उद्धरण मिलता है, जहाँ शिवजी को दूध में मिलाकर भागं दी गयी थी, औषधि स्वरूप | पर हम लोगों ने उसमें अपनी मनमर्जी से, पता नहीं क्या क्या जोड़ दिया है, जो कि किसी भी शास्त्र में उधृत नहीं है | अतः ये मानना कि शिवजी किसी भी प्रकार का नशा करते थे, ये ठीक वैसा है, जैसे पीने वाले को पीने का बहाना चाहिए | अब वो बहाना कहाँ से लाये तो बोल देगा, भैरव जी भी तो शराब पीते हैं | ऐसे ही उसे अगर नशा करना है तो शिवजी का बहाना लेगा, शिव जी भी तो नशा करते थे… ! ये बस बहाने हैं, वास्तव में इनका किसी शास्त्र से कोई सम्बन्ध नहीं है | अतः हमें लगता है कि ये पोस्ट सही है और लोगों ने कलियुग के बढ़ते प्रभाव के कारण, ईश्वर पर मनमाने चित्रण और लोक कथाओं के भरोसे, शास्त्रों से अलग ही एक रचना कर दी है जो कि गलत है |


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बोलिये शंकर भगवान् की जय |


सन्दर्भ – 1* – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6741091/

2* https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6493861/

3*. https://en.wikipedia.org/wiki/Legality_of_cannabis

4*https://en.wikipedia.org/wiki/Anandamide

5*https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1222054/

पंडित अशोकशर्मात्मज अभिनन्दन शर्मा

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