आपके ऊपर जीवन में परेशानियां आती होंगी | सभी के ऊपर आती हैं | पर ऐसे खराब समय में, ऐसे दबावों के समय में प्रेरणा, मोटिवेशन कहाँ से आये ? शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई परेशानी में हो, जीवन से निरुत्साह हो तो उसे श्रीराम और नल-दमयंती की कथा सुनाये |
इन कथा, कहानियों से क्या होगा ? इन कहानियों से भी जीवन में कुछ बदलता है क्या ? ऐसा कहने वाले लोग, नहीं जानते कि इन कहानियों का जीवन से असली और गहरा रिश्ता है | जो काम, दस लोगों की दिखावटी सांत्वना (जैसी की आजकल दी जाती है) नहीं कर सकती, वो काम ऐसी एक कहानी कर सकती है | जीवन को बदल सकती है | आपको यकीन नहीं हो रहा है, है न ?
एक काम करते हैं, इस नल-दमयंती की कहानी को सुनिए, इसको याद कर लीजिये और इसको किसी एक परेशान व्यक्ति को सुना कर देखिये और उससे पूछियेगा कि भाई, अगर धन से परेशान है तो ये तो कोई परेशानी ही नहीं है, ये तो आता जाता रहता है, आज नहीं है, कल आ जाएगा | श्रीराम जी की पत्नी को ही रावण उठा ले गया था, तेरी पत्नी तो कम से कम तेरे साथ है, नल की तो एकमात्र धोती तक को पक्षी ले उड़े थे, नंगा घूमता था, तेरे पास कम से कम तन ढकने को कपडे तो हैं | जब उनका समय बदल सकता है तो तेरा समय भी बदलेगा | समय, स्टोक मार्किट की तरह होता है, नीचे जाता है, फिर ऊपर आता है | पर ऊपर उसी का आता है, जो उस समय को नल और श्रीराम जी की तरह से, धैर्यपूर्वक काट लेता है | जीवित रहता है !! एग्जाम में फेल हो गए, जीवन में भी हो जाओगे, ऐसा नहीं है | धन से विकट हो, लेकिन धन कभी कमा ही नहीं पाओगे, ऐसा भी नहीं है | परिवार में परेशानी है, पर हर परेशानी, समय के साथ सुलझती है | कुछ भी हमेशा नहीं रहता !
आइये, आज सुने हैं, राजा नल की कहानी | उनके साथ ऐसा क्या हुआ था, जो हम सभी को जानना चाहिए और अपने जीवन से उसकी तुलना करनी चाहिए |