हनुमान जी के एक श्लोक से आज हम समझेंगे कि जात, जाति और वर्णव्यवस्था में क्या अंतर् होता है ? क्या जाति और वर्णव्यवस्था एक ही चीज है, जो आजकल विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है ! ये एक भ्रामक शिक्षा बच्चों को दी जा रही है, जिसकी वजह से समाज में वैमनस्य बढ़ रहा है | इस से ये भी समझेंगे जो अमूमन कहा जाता है कि ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य सवर्ण हैं और शूद्र अलग हैं – क्या ये सही है ? ये सारे भ्र्म क्यों फैलाये गए हैं समाज में ? ये भी समझेंगे कि वर्ण व्यवस्था में विवाह के लिये वर में क्या देखा जाता था और आजकल, इसमें कितना बदलाव आया है |
आज बहुत से भ्रमो को इस वीडियो द्वारा तोडा जायेगा अतः इसे अवश्य पूरा देखें और अधिक से अधिक शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोगों तक ये महत्वपूर्ण विषय पहुचें |
अभिनन्दन शर्मा