कैसे रक्षा होगी, धर्म की ?
क्या हमने कभी सोचा है कि इतने ग्रन्थ, इतने शास्त्र क्यों लिखे गए ? वो भी तब जब न कागज़ था, न बिजली थी, न व्यवस्था थी ? फिर हमारे ऋषियों ने इतने कष्ट उठाकर, ये शास्त्र क्यों लिखे ? क्यों रचे ? क्या जरूरत थी, उन लोगों को ? महाभारत में कितने लाख श्लोक है ? क्यों लिखे गए ? अब कोई क्यों नहीं लिख लेता ? अब तो पहले से अधिक सुविधाएं हैं ? क्यों पुराणों के लाखों श्लोक रचे गए ? क्या जरूरत पड़ी थी, हमारे पुरुखों को ये सब लिखने की ? कैसे रक्षा होगी, धर्म की ? कैसे बचेगा धर्म ?
जानिये, अपने शास्त्रों के बारे में कुछ अनजाना सा | आपको शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ऐसे ही दिमाग को भी भोजन चाहिए, food for thoughts ! देखिये, इस अतिआवश्यक वीडियो को और कीजिये विचार मंथन |