December 21, 2024

आज से एक नयी सिरीज प्रारंभ कर रहा हूँ | इसमें रोज शास्त्र ज्ञान का एक वीडियो शेयर करूँगा | शास्त्र ज्ञान के अभी तक करीब 44 सत्र हो चुके हैं और उनमें से 22 सत्रों तक के वीडियो ऑनलाइन उपलब्ध हैं | ये वीडियो 15 -20 मिनट के वीडियो हैं, जिन्हें देखने में अधिक समय नहीं लगता है | आजकल हम रामायण देख रहे हैं, महाभारत देख रहे हैं लेकिन शास्त्रों केवल देखने, सुनने और पढने की चीज नहीं है बल्कि मथने की, चिन्तन का विषय होता है | दही को अगर मथा ही नहीं तो मक्खन कैसे निकलेगा ? शास्त्रों का यदि सम्यक चिन्तन नहीं किया तो फिर क्या लाभ ?

जैसे हमने देखा रामायण में, कैकयी ने वर मांगे और दशरथ ने वर दिए पर अगर दशरथ वो वर नहीं देता तो ? तो क्या हो जाता ? यदि कोई मांग अनुचित है, तो उसे मानना क्यों जरूरी था ? कोई शंकर भगवान् तो दशरथ जी थे नहीं, जिन्हें वर्षो की तपस्या से किसी ने प्रसन्न किया हो और उन्हें वर देना ही हो | यदि कोई वर, अनुचित था, प्रजा के विरुद्ध था, तो नहीं मानते !!! उठा कर जेल में डाल देते, कैकयी को तो कैकयी क्या कर लेती ? ऐसे ही एक प्रश्न पर विचार करता हुआ, शास्त्रज्ञान सत्र का ये वीडियो |

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वीडियो का लिंक –

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