सभी लोग कभी न कभी कर्म और भाग्य की चर्चा करते हैं किन्तु वो चर्चा बहुधा सुनी सुनाई बातों पर ही आधारित होती है | वो कितनी शास्त्रोक्त है और क्या उस विषय की सम्यक विवेचना कहीं पर की जाती है | आम बोलचाल में तो नहीं | हमें कर्म और भाग्य के सम्बन्ध को समझना चाहिये कि कहाँ तक कर्म महत्वपूर्ण है और कहाँ भाग्य अपना काम करता है | इसको समझ लेंगे, तो जीवन में बहुत आसानी हो जायेगी | इसी विषय पर सम्यक चिंतन करता हुआ ये वीडियो, आपके सामने प्रस्तुत है |