जन्म कुंडली बनाने के साधन – जन्म कुंडली निम्नलिखित ३ साधनों से बनाई जा सकती है |
1. विभिन्न प्रकाशकों की Table of Ascendant के द्वारा जन्म के समय पृथ्वी की राशि (डिग्री) की गणना की जाती है | लग्न तालिका में इसे प्रथम भाव में लिखा जाता है तथा Table of Ephemeris के द्वारा अन्य ग्रहों की स्थिति की गणना की जाती है | Table of Ascendent में जन्म स्थान के अक्षांश देशांतर के अनुसार गणना में शुद्धि लाइ जाती है | अतः इस विधि से जन्म कुंडली शुद्ध रूप से बन जाती है |
२. हिंदी पञ्चांग में भी किसी भी तिथि पर लग्न राशि व् अन्य ग्रहों की स्थिति दी गयी होती है | अतः समय विशेष के लिए पञ्चांग में ग्रह की जो गति दी जाती है, उसके अनुसार ग्रहों की सही स्थिति की गणना कर जन्म कुंडली बनाई जा सकती है |
३. जन्म कुंडली बनाने हेतु कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं | कंप्यूटर की सहायता से जन्मकुंडली बनाई जा सकती है परन्तु जन्मकुंडली के फल की विवेचना स्वयं ही करना उचित होगा क्योंकि जन्मकुंडली के फलादेश की विवेचना का कोई प्रमाणित सॉफ्टवेयर अभी तक बनाना संभव नहीं हुआ है क्योंकि फलादेश की विवेचना में असंख्य परिवर्तनीय तत्व हैं |
हम तीनों संभावित विधियों का विस्तृत वर्णन करेंगे | हम चाहें तो कंप्यूटर से भी बना सकते हैं पर एक ज्योतिषी को खुद से जन्म कुंडली बनानी आनी चाहिए ताकि वो स्वयं अगर संदेह हो तो उसकी जांच कर सके |
कुंडली बनाने के लिए आपको Table of Ascendant और Table of Ephemeris की आवश्यकता पड़ेगी अतः एन.सी.लाहिरी की दोनों पुस्तकें खरीद लें | तब ही आप नीचे लिखी गयी विधि से कुंडली बना पायेंगे |
उदाहरण -1 : मानिए कि किसी जातक का जन्म २५ सितम्बर १९८० को रात ११.४० बजे अलीगढ (उत्तर प्रदेश) में हुआ है | इस जातक की कुंडली निम्न लिखित विधि से बनायेंगे |
सर्वप्रथम इसकी लग्न निकालेंगे – आप स्टेप नोट करते जाएँ |
1. Sidereal Time for 25 Sept (Page No 2 in Table of Asc) – 12 14 29
2. Correction for 1980 (Page No 4 in Table of Asc) – + 2 29
3. Correction for Aligarh (Page No 100 in Table of Asc) – + 03
Standard Time at Aligarh at noon 12 17 01
यहाँ उपरोक्त संख्याएँ घंटा, मिनट और सेकंड में पढ़े और वैसे ही जोड़ें | जैसे २९+२९+०३ = ६१ लेकिन ६० सेकंड का 1 मिनट होता है सो 1 मिनट को मिनट वाली संख्या में हासिल जोड़ देंगे और सेकंड में केवल बचेगा 1 | यही विधि इसमें लगाएं | हमारे पास दोपहर को 1२ बजे का standard समय आ गया | इसे (A) मान लेते हैं | अब आगे –
1. Time of Birth – 23 40 00
2. LMT Correction (Page No 100 of Table of Asc) – – 17 44
Outcome 23 22 16
उपरोक्त समय भी घंटा मिनट सेकंड में ही है और वैसे ही इसका योग और घटा किया जायेगा | जैसे ०० सेकंड में से ४४ सेकंड नहीं घटाए जा सकते हैं तो 1 मिनट या ६० सेकंड हमने मिनट से हासिल लिया और ६० सेकंड में से ४४ सेकंड घटा दिए जिस से बचा १६ और मिनट में ४० की जगह रह गया ३९ मिनट | ३९ मिनट में १७ मिनट घटाएंगे तो आएगा २२ मिनट | अब आगे
३. Time from Noon : 12 00 00
4. Time of Birth : (+) 23 22 16
Outcome : 11 22 16
रात के २३ बजे में यदि १२ जोड़ेंगे तो दिन के ११ बज जायेंगे | यदि जन्म समय १२ बजे के बाद का है तो उसे १२ बजे में जोड़ देंगे और यदि पहले का है तो घटा देंगे | क्योंकि यहा जन्म समय १२ बजे के बाद का है अतः हमने उसमें जन्म समय जोड़ दिया है |
५. Outcome from point 4 – 11 22 16
6 Correction to increase TI (Page No 5, Table IV, Table of Asc) – (+) 1 48
7 Time Correction for 22 min (Same as above) – (+) 04
Outcome – 11 24 08
पेज ५ पर जब हम देखेंगे तो टेबल ४ में जो घंटे (h) के आगे करेक्शन लिखा हुआ है उसे अपने उपरोक्त समय में जोड़ लेंगे और ऐसे ही २२ मिनट के लिए भी करेंगे | आप स्वयं चेक कीजिये ११ घंटे के आगे कितना करेक्शन लिखा है और २२ मिनट के आगे कितना करेक्शन लिखा है | आप समझ जायेंगे | इसे (B) मान लेते हैं |
अब हम (A+B) करेंगे | यदि जन्म समय १२ बजे से पहले का है तो A-B करेंगे |
A 12 17 01
B + 11 24 08
योग (अतः साइडिरियल टाइम of Birth ) 23 41 04
अब हम अलीगढ के longitude के लिए Ascendent देखेंगे (पेज ४७)
मानक राशि डिग्री मिनट सेकंड
Ascendent of Aligarh for Siderial Time @ 23.44 2 15 25 00
Ascendent of Aligarh for Siderial Time @ 23.40 2 14 32 00
Difference in both 0 00 53 00
Asc में ४ मिनट के अंतर से मिनट का अंतर है = ५३ मिनट
अतः Asc में 1 मिनट के अंतर के लिए = (53/4) = 13.5 मिनट, जिसे हम १३ मिनट ले सकते हैं | जिसे हम २३.४० के Asc में जोड़ेंगे |
अतः राशि डिग्री मिनट सेकंड
Ascendent of Aligarh for Siderial Time @ 23.40 2 14 32 00
1 मिनट के अंतर को जोड़ने पर 13
योग (लग्न) 2 14 45 00
अतः लग्न दूसरी राशि को पार करके तीसरी राशि (मिथुन) में १४ डिग्री ४५ मिनट पर है और लग्न में मिथुन राशि रहेगी |
इस प्रकार हम किसी जातक की लग्न निकाल सकते हैं | अब हम एक और उदहारण लेंगे जिसमें जन्म समय १२.०० बजे से पहले का है फिर उसमें हम कुंडली में ग्रह निर्धारण की चर्चा करेंगे |
उदा. २ – मान लीजिये किसी जातक का जन्म प्रातः काल 7 बजे २५ जुलाई १९८९ को ग्वालियर में हुआ है | इसके लिए लग्न और जनम कुंडली में ग्रह निर्धारण कीजिए |
सर्वप्रथम इसकी लग्न निकालेंगे – आप स्टेप नोट करते जाएँ |
1. Sidereal Time for 25 July (Page No 2 in Table of Asc) – 8 10 2
2. Correction for 1989 (Page No 4 in Table of Asc) – + 1 46
3. Correction for Gwalior (Page No 100 in Table of Asc) – + 03
Standard Time at Aligarh at noon 8 11 51
यहाँ उपरोक्त संख्याएँ घंटा, मिनट और सेकंड में पढ़े और वैसे ही जोड़ें | जैसे २९+२९+०३ = ६१ लेकिन ६० सेकंड का 1 मिनट होता है सो 1 मिनट को मिनट वाली संख्या में हासिल जोड़ देंगे और सेकंड में केवल बचेगा 1 | यही विधि इसमें लगाएं | हमारे पास दोपहर को 1२ बजे का standard समय आ गया | इसे (A) मान लेते हैं | अब आगे –
1. Time of Birth – 07 00 00
2. LMT Correction (Page No 100 of Table of Asc) – – 17 20
Outcome 06 42 40
उपरोक्त समय भी घंटा मिनट सेकंड में ही है और वैसे ही इसका योग और घटा किया जायेगा | जैसे ०० सेकंड में से ४४ सेकंड नहीं घटाए जा सकते हैं तो 1 मिनट या ६० सेकंड हमने मिनट से हासिल लिया और ६० सेकंड में से 20 सेकंड घटा दिए जिस से बचा 40 और ऐसे ही मिनट में भी हमें घंटे से हासिल लेना पड़ेगा | 1 घंटे में ६० मिनट, जिसमें से एक मिनट (६० सेकंड) हमने हासिल में सेकंड को दे दिए तो इधर बचा ५९ मिनट, जिसमें से १७ घटाने पर आया मिनट में 60 की जगह रह गया ३९ मिनट | ३९ मिनट में १७ मिनट घटाएंगे तो आएगा २२ मिनट | अब आगे
३. Time from Noon : 12 00 00
4. Time of Birth : (-) 06 42 40
Outcome : 05 17 20
५. Outcome from point 4 : 05 17 20
6 Correction to increase TI (Page No 5, Table IV, Table of Asc) : (+) 49
7 Time Correction for 17 min (Same as above) : (+) 03
Outcome : 05 18 12
पेज ५ पर जब हम देखेंगे तो टेबल ४ में जो घंटे (h) के आगे करेक्शन लिखा हुआ है उसे अपने उपरोक्त समय में जोड़ लेंगे और ऐसे ही 17 मिनट के लिए भी करेंगे | आप स्वयं चेक कीजिये 05 घंटे के आगे कितना करेक्शन लिखा है और 17 मिनट के आगे कितना करेक्शन लिखा है | आप समझ जायेंगे | इसे (B) मान लेते हैं |
अब हम (A-B) करेंगे | यदि जन्म समय १२ बजे के बाद का है तो A+B करेंगे |
A 08 11 51
B – 05 18 12
योग (अतः साइडिरियल टाइम of Birth ) 02 53 39
अब हम ग्वालियर के longitude के लिए Ascendent देखेंगे (पेज ४३)
मानक राशि डिग्री मिनट सेकंड
Ascendent of Gwalior for Siderial Time @ 02.56 3 26 08 00
Ascendent of Gwalior for Siderial Time @ 02.52 3 25 16 00
Difference in both 0 00 52 00
Asc में ४ मिनट के अंतर से मिनट का अंतर है = ५2 मिनट
अतः Asc में 1 मिनट के अंतर के लिए = (52/4) = 13 मिनट | जिसे हम 02.52 के Asc में जोड़ेंगे | इसी प्रकार ३९ सेकंड के लिए भी अंतर निकालेंगे जैसे 1 मिनट (६० सेकंड) के लिए अंतर १३ मिनट तो ३९ सेकंड के लिए = (13×39)/60 = 8.45, जिसे हम ९ मिनट मान सकते हैं |
अतः राशि डिग्री मिनट सेकंड
Ascendent of Gwalior for Siderial Time @ 2.52 3 25 16 00
1 मिनट के अंतर को जोड़ने पर 13
३९ सेकंड के अंतर को जोड़ने पर 09
योग 3 25 28 00
अब इसमें से हम अयमांश (अध्याय ३ में अयमांश की परिभाषा देखें ) घटाएंगे जो कि Table of ascendent में पेज नंबर ६ पर दिया हुआ है |
योग 3 25 28 00
१९८९ का अयमांश – 43
अंतर (लग्न) 3 24 45 00
अतः लग्न तीसरी राशि को पार करके चौथी राशि (कर्क) में २४ डिग्री ४५ मिनट पर है अतः लग्न में कर्क राशि रहेगी |
अब हम इसके ग्रहों की स्थिति की गणना करेंगे |
चंद्रमा –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
चंद्रमा की स्थिति 25.7.1989 के दिन (पेज नंबर २८, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 0 0 51
चंद्रमा की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर २८, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 11 16 36
यहाँ हम 0 राशि जो कि १२वी राशि के बाद के डिग्री मिनट हैं, यानी चंद्रमा पहली राशि में प्रवेश ही कर पाया है, और ५१ मिनट पर है इसलिए इसे घटाने के लिए हम १२वी राशि ही मानेगे (0 नहीं, केवल घटाने के लिए )
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
चंद्रमा की स्थिति 25.7.1989 के दिन (पेज नंबर २८, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 12 0 51
चंद्रमा की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर २८, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 11 16 36
अंतर 14 15
एक राशि में 30 डिग्री होती हैं इसलिए हासिल 30 डिग्री लेंगे | अब हमें इस से ज्ञात हुआ कि चंद्रमा करीब 24 घंटे में 14 डिग्री और 15 मिनट घूम गया | इसे हम डिग्री में लिखे तो 4 डिग्री 15 मिनट या 14.25 डिग्री (मिनट को डिग्री में बदल लिया, 1 डिग्री = ६० मिनट तो १५ मिनट = .२५ डिग्री)
अब हम देखते हैं कि 25 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – 1.30 घंटे
चंद्रमा की इस 1.30 घंटे में गति = (14.25 x 1.5)/24 = .890 डिग्री = .890×60 मिनट = 53 मिनट 15 सेकंड्स
इसे हम चंद्रमा की 25 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर चंद्रमा की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः चंद्रमा की 25 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 0 0 51 00
1.30 घंटे में चंद्रमा की गति 53 15
योग 0 1 44 15
अतः चंद्रमा जन्म समय पर पहली राशि ( मेष) में 1 डिग्री ४४ मिनट और १५ सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब चन्द्रमा को मेष राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और फिर चलते चलते नौवे घर में मेष राशि की स्थिति होगी जिसमें हम लिखेंगे – चंद्रमा | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
शनि –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
शनि की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 8 15 23
शनि की स्थिति 26.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 8 15 15
अंतर 0 8
शनि तिथि के अनुसार घटता जाता है (कम हो रहा है ) | अतः कह सकते हैं कि शनि की स्थिति ४८ घंटे में ८ मिनट का अंतर से कम हुई | यानी इस से जो जन्म समय तक का अंतर निकलेगा उसे २४ जुलाई की शनि की स्थिति में से घटा देंगे |
अब हम देखते हैं कि 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – २५.३० घंटे
शनि की इस 25.30 घंटे में गति = (.133 x 25.30)/48 = .0701 डिग्री = .0701×60 मिनट = 4 मिनट 15 सेकंड्स
इसे हम शनि की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर शनि की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः शनि की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 8 15 23 00
25.30 घंटे में शनि की गति 4 15
अंतर 8 15 18 45
अतः शनि जन्म समय पर नौवी राशि ( धनु) में 15 डिग्री 18 मिनट और 45 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब शनि को धनु राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और फिर चलते चलते छठवां घर में धनु राशि की स्थिति होगी जिसमें हम लिखेंगे – शनि | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
गुरु (बृहस्पति)-
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
गुरु की स्थिति 26.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 2 5 15
गुरु की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 2 4 50
अंतर 0 25
अब हम देखते हैं कि 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – २५.३० घंटे
गुरु की इस 25.30 घंटे में गति = (.416 x 25.30)/48 = .2196 डिग्री = .2196×60 मिनट = 13 मिनट 16 सेकंड्स
इसे हम गुरु की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर गुरु की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः गुरु की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 2 4 50 00
25.30 घंटे में गुरु की गति 13 16
योग 2 5 03 16
अतः गुरु जन्म समय पर तीसरी राशि ( मिथुन) में 5 डिग्री 03 मिनट और 16 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब गुरु को मिथुन राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और फिर चलते चलते बारहवें घर में मिथुन राशि की स्थिति होगी जिसमें हम लिखेंगे – गुरु | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
मंगल –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
मंगल की स्थिति 26.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 4 0 54
मंगल की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 3 29 38
अंतर 1 16
1 राशि से ३० डिग्री हासिल लिया है |
अब हम देखते हैं कि 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – २५.३० घंटे
मंगल की इस 25.30 घंटे में गति = (1.25 x 25.30)/48 = .6588 डिग्री = .6588×60 मिनट = 39 मिनट 53 सेकंड्स
इसे हम मंगल की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर मंगल की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः मंगल की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 3 29 38 00
25.30 घंटे में मंगल की गति 39 53
योग 3 30 17 53
पुनःश्च (क्योंकि ३० डिग्री की एक राशि होती है, अतः ३० डिग्री से एक हासिल लिया)4 00 17 53
अतः मंगल जन्म समय पर पांचवी राशि (सिंह) में 17 मिनट और 53 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब मंगल को सिंह राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और उस से चलते चलते दुसरे घर में हम लिखेंगे – मंगल | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
सूर्य –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
सूर्य की स्थिति 26.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 3 9 17
सूर्य की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 3 7 22
अंतर 1 45
अब हम देखते हैं कि 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – २५.३० घंटे
सूर्य की इस 25.30 घंटे में गति = (1.75 x 25.30)/48 = .9223 डिग्री = .9223×60 मिनट = 55 मिनट 34 सेकंड्स
इसे हम सूर्य की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर सूर्य की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः सूर्य की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 3 7 22 00
25.30 घंटे में सूर्य की गति 55 34
योग 3 8 17 34
अतः सूर्य जन्म समय पर चौथी राशि (कर्क) में 8 डिग्री 17 मिनट और 34 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब सूर्य को कर्क राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और जिसमें हम लिखेंगे – सूर्य | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
शुक्र –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
शुक्र की स्थिति 26.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 4 8 37
शुक्र की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 4 6 13
अंतर 2 24
अब हम देखते हैं कि 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – २५.३० घंटे
शुक्र की इस 25.30 घंटे में गति = (2.4 x 25.30)/48 = 1.265 डिग्री = 1.265×60 मिनट = 75.9 मिनट = 1 डिग्री 15 मिनट 9 सेकंड
इसे हम शुक्र की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर शुक्र की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः शुक्र की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 4 6 13 00
25.30 घंटे में शुक्र की गति 1 15 09
योग 4 7 28 09
अतः शुक्र जन्म समय पर पांचवी राशि (सिंह) में 7 डिग्री 28 मिनट और 09 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब शुक्र को सिंह राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और उस से चलते चलते दुसरे घर में हम लिखेंगे – शुक्र | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
बुध –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
बुध की स्थिति 26.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 3 17 47
बुध की स्थिति 24.7.1989 के दिन (पेज नंबर 30, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 3 13 47
अंतर 4 00
अब हम देखते हैं कि 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे से लेकर जन्म समय तक का अंतर – २५.३० घंटे
बुध की इस 25.30 घंटे में गति = (4 x 25.30)/48 = 2.1083 डिग्री = 2.1083×60 मिनट = 126.5 मिनट = 2 डिग्री 6 मिनट 5 सेकंड
इसे हम बुध की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में जोड़ देंगे तो हमें जन्म समय पर बुध की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः बुध की 24 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 3 13 47 00
25.30 घंटे में बुध की गति 2 6 05
योग 3 15 53 05
अतः बुध जन्म समय पर चौथी राशि (कर्क) में 15 डिग्री 53 मिनट और 05 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब बुध को कर्क राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और उसी में हम लिखेंगे – बुध | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
राहू –
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc)
राहू की स्थिति 1 जुलाई के दिन (पेज नंबर 32, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – 10 03 07
राहू की स्थिति 1 अगस्त के दिन (पेज नंबर 32, लाहिरी एफेमरी १९८५-१९९०) – (-) 10 02 05
अंतर 1 2
31 दिनों में राहू की स्थिति में परिवर्तन =1 डिग्री २ मिनट
अतः 25 दिन में परिवर्तन = (1.03/31)*25 = .8306 डिग्री = 50 मिनट 23 सेकंड
इसे हम राहू की 1 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति में से घटा देंगे तो हमें जन्म समय पर राहू की स्थिति ज्ञात हो जाएगी |
मानक राशि डिग्री मिनट (Arc) सेकंड्स (Arc)
अतः राहू की 1 जुलाई सुबह 5.30 बजे की स्थिति 10 03 07 00
25 दिनों में राहू की गति 50 23
योग 10 02 17 27
अतः राहू जन्म समय पर ग्यारहवीं राशि (कुम्भ) में 02 डिग्री 17 मिनट और 27 सेकंड पर है | अतः जब कुंडली काढेंगे तब राहू को कुम्भ राशि में रखेंगे | यानी लग्न रहेगी चौथी राशि – कर्क राशि (पहला घर) और उस से चलते चलते आठवें घर में हम लिखेंगे – राहू | उम्मीद है समझ गए होंगे, चित्र में सभी ग्रहों की गणना के बाद अंत में बनाऊंगा, वहां से इसे अच्छे से समझ सकते हैं |
केतु – केतु राहू की स्थिति से ठीक १८० डिग्री पर रहता है | अतः केतु को हम राहू की स्थिति से छह घर छोड़ कर (जैसा पहले बताया गया है एक घर 30 डिग्री का होता है ) लिख सकते हैं | अतः केतु की स्थिति छह घर छोड़ कर पांचवी राशि (सिंह राशि) में होगी और डिग्री जानने के लिए राहू की स्थिति में १८० डिग्री जोड़ सकते हैं |
इस प्रकार हमें कुंडली के सभी ग्रहों की स्थिति ज्ञात हो जाती है और इसके हिसाब से हम कुंडली काढ सकते हैं | इस जातक की कुंडली नीचे दिए गए हिसाब से बनेगी |
कुंडली सॉफ्टवेयर के हिसाब से ग्रहों की स्थिति निम्नानुसार आ रही है |
जो हमारी गणना के बहुत पास है और जो अंतर है वो नगण्य माना जा सकता है | अब आप इस कुंडली की नवमांश कुंडली स्वयं तैयार करें (तरीका पिछले अध्याय में बताया जा चूका है | ) इस अध्याय में इतना ही अब हम आगे अध्यायों में कुंडली में ग्रहों की, राशियों के बारे में और अध्ययन करेंगे |
मेरी ज्योतिषमे अत्यंत रूचि है क्रपया बताने का कष्ट करे कि जो मैने आपकी वेवसाईट मे कुंडली निर्माण विधी पढी पूरी हिन्दी मे है
सादर प्रणाम,
जन्म कुंडली में ग्रहों की सही स्थिति की गणना समझाने के लिए मैं आपका ह्रदय से आभारी हूँ |
धन्यवादम !
Very nice Abhinandanji